किसी समाज की उन्नति में श्रेष्ठ साहित्य की होती है महत्वपूर्ण भूमिका – विजय नड्डा, संगठन मंत्री विद्या भारती उत्तर क्षेत्र
8 जनवरी, विद्या धाम, जालंधर | ‘आज समाज में एक सामान्य धारणा बन चुकी है कि अपने परंपरागत साहित्य गीता, रामायण, गुरुवाणी आदि में लोगों की रूचि नहीं रही है | लेकिन यह धारणा ठीक नहीं है | लोगों को इनमें रुचि तो है परन्तु लोगों तक ये श्रेष्ठ साहित्य पहुंच ही नहीं पाता है | किसी समाज की उन्नति में श्रेष्ठ साहित्य अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है |’ ये शब्द विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा जी ने सर्वहितकारी शिक्षा समिति के मुख्यालय विद्या धाम के डा.आबेडकर सभागार में कहे | उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिन 6 से 8 जनवरी तक सर्वहितकारी शिक्षा समिति की योजना व प्रधानाचार्य बैठक आज संपन्न हुई | इस कार्यक्रम के समापन सत्र में विजय नड्डा ने ये उद्गार व्यक्त किए | इससे पूर्व एन.एच.पी.सी. द्वारा सी.एस.आर.के अंतर्गत सर्वहितकारी शिक्षा समिति, पंजाब को साहित्य रथ हेतु मोबाइल वैन का लोकार्पण किया गया | इस अवसर पर एन.एच.पी.सी. के डायरेक्टर (स्वतंत्र) डा.अमित कंसल जी स्वयं उपस्थित रहे |
आगे अपने संबोधन में विजय नड्डा ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा व भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की प्रांतीय ईकाई सर्वहितकारी शिक्षा समिति को कॉरपोरेशन ने एक बड़ी भेंट की है | इस बस का उपयोग ‘साहित्य रथ’ के रूप में पंजाब की सीमा पर स्थित गावों में ‘चल पुस्तकालय’ के रूप में किया जाएगा | इसके अतिरिक्त पंजाब के सभी सर्वहितकारी विद्या मंदिरों में ‘साहित्य मेला’ का आयोजन किया जाएगा जहां यह वैन जाएगी | इस अवसर पर डा.अमित कांसल ने सर्वहितकारी शिक्षा समिति के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों की अत्यधिक आवश्यकता है ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति व संस्कारों से जुड़ सके और उनमें देश के प्रति गौरव भाव का निर्माण हो सके । इस अवसर पर सर्वहितकारी शिक्षा समिति के संगठन मंत्री राजेंद्र कुमार, वित्त सचिव विजय ठाकुर, मोहाली के पर्यावरणविद ओम प्रकाश जी भी उपस्थित रहे |

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