राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमारे परिश्रम का परिणाम है – हर्ष कुमार, प्रशिक्षण प्रमुख विद्या भारती उत्तर क्षेत्र

6 जनवरी, विद्या धाम जालंधर | ‘विद्या भारती की योजना का पहला विद्या मंदिर सन 1952 में गोरखपुर में प्रारंभ हुआ था | तब से अनेक संघर्षों के बाद अब विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान एक अखिल भारतीय शैक्षिक संगठन बन चुका है | विद्या भारती की स्वीकार्यता समाज के प्रत्येक वर्ग और देश के कोने कोने में तेजी से बढ़ रही है | ‘राष्ट्रीय नीति 2020’ हमारे ही परिश्रम का फल है | इन परिस्थितयों में इस शिक्षा नीति को लागू करने व करवाने में हमारा दायित्व और अधिक बढ़ जाता है |’ ये मार्गदर्शक वाक्य आज 6 जनवरी को सर्वहितकारी शिक्षा समिति, पंजाब के मुख्यालय विद्या धाम के डा.आंबेडकर सभागार में हर्ष कुमार ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित प्रधानाचार्यों का मार्गदर्शन करते हुए कहे | उल्लेखनीय है कि हर्ष कुमार विद्या भारती के विभिन्न दायित्वों पर पिछले 30 वर्षों से कार्य कर रहे हैं | वर्तमान वे विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के प्रशिक्षण प्रमुख और शिक्षा क्षेत्र के मूल चिंतक हैं | आगे हर्ष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी पंजाब विद्या भारती की वार्षिक योजना बनाने के लिए एकत्रित हुए हैं | हमें अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर ऐसी योजना बनानी है जो समाज के सभी जातियों, उपजातियों, पंथ, संप्रदायों, भाषा और बोलियों के लोगों में विद्या भारती के विचारों को ले जाने में सहायक हो | हमारे शिक्षा तंत्र का स्वरुप राष्ट्रीय हो | हर्ष कुमार ने आगे कहा कि हमारा कार्य व्यक्ति आधारित न हो | हम एक टीम, टोली व परिषद का गठन कर कार्य करें |

इस तीन दिवसीय प्रांत वार्षिक योजना व प्रधानाचार्य बैठक के संयोजक रामपुराफूल सर्वहितकारी विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य सुनील मलिक जी ने बताया कि यह बैठक 6 जनवरी को प्रातः 7 से 8 जनवरी को दोपहर 2 बजे तक चलेगी | इस तीन दिवसीय बैठक में कुल 16 सत्र होंगे जिसमें छात्रों के सर्वांगीण विकास के विषयों पर गहनता से चिंतन मनन होने के उपरांत सर्वहितकारी शिक्षा समिति, पंजाब के 124 विद्या मंदिरों की योजना बनेगी | इस योजना का ही सत्र 2023 – 24 में सभी विद्या मंदिर पालन करेंगे |

सबसे पहले नरोट मेहरा (पठानकोट) के प्रधानाचार्य बोधराज ने सभी के समक्ष ‘चरैवेति, चरैवेति यही तो मंत्र है अपना’ गीत प्रस्तुत किया | इस उद्घाटन सत्र का प्रारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ | वंदना के बाद हरियाल (पठानकोट) विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या कंचन शर्मा ने ‘शपथ लेना तो सरल है, पर निभाना ही कठिन है’ भावपूर्ण गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया | इस योजना बैठक में भारी सर्दी के बाद भी अपने घर के सुखों का त्यागकर पंजाब के कोने कोने से 92 प्रतिभागी उपस्थित हुए | इस उद्घाटन सत्र का मंच संचालन सुनाम विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अमित शर्मा ने किया जबकि अधिकारी परिचय भीखी विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य गगनदीप पराशर ने किया | इस सत्र में सर्वहितकारी शिक्षा समिति , पंजाब के संगठन मंत्री राजेन्द्र कुमार और विद्या भारती उत्तर के संगठन मंत्री विजय नड्डा जी भी उपस्थित रहे |

फोटो की कैप्शन –

1. मंचासीन (बाएं से दाएं) राजेन्द्र कुमार, विजय नड्डा, हर्ष कुमार और विजय ठाकुर

2. बैठक में उपस्थित प्रधानाचार्य व अन्य अधिकारीगण

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