29 सितम्बर 2022 को विद्या भारती की प्रांतीय इकाई सर्वहितकारी शिक्षा समिति और एनआईटी जालन्धर के मध्य विद्या धाम जालंधर में एक समझौता ज्ञापन ह्स्ताक्षरित किया गया हैं। इस समझौता ज्ञापन पर प्रो. बी. के. कनौजिया, निदेशक, एनआईटी जालन्धर और प्रो. नवदीप शेखर, महामंत्री, विद्या भारती पंजाब ने हस्ताक्षर किए।
प्रो. नवदीप शेखर, महामंत्री विद्या भारती पंजाब ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से सभी क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने और कौशल की मांग व आपूर्ति के बीच मौजूदा अंतर को कम करने पर जोर दिया जाएगा। श्रीमान सुभाष महाजन, उपाध्यक्ष, विद्या भारती पंजाब ने इस मौक़े पर कहा कि कुशल कर्मियों के निरंतर प्रवाह एवं शिक्षित युवाओं के बीच उपयुक्त औद्योगिक रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए आवश्यक कौशल, शिक्षा और अनुशासन के माध्यम से बेरोजगारी को कम किया जा सकता है।
श्रीमान विजय नड्डा, संगठन मंत्री, विद्या भारती (उत्तर क्षेत्र) ने कहा कि विद्या भारती का लक्ष्य संस्कार युक्त शिक्षा के साथ साथ नियोक्ता/उद्योग की मांग और कार्यबल उत्पादकता को स्थायी आजीविका के लिए प्रशिक्षुओं की आकांक्षाओं के साथ संरेखित करना, परिणाम केंद्रित प्रशिक्षण के लिए एक रूपरेखा तैयार करना है। उनका मानना है कि “कौशल उनके संचालन में अनुभव, बुद्धि और जुनून की एकीकृत शक्ति है।”
एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. बी. के. कनौजिया ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता ज्ञापन कौशल विकास के लिए एक अंत तक कार्यान्वयन ढांचा तैयार करेगा, जो जीवन भर सीखने के अवसर और युवाओं के बीच कौशल के आकांक्षात्मक मूल्य का प्रचार करता है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्ष मिलकर छात्रों के बीच कौशल विकास के नए आयाम खोलने का प्रयास करेंगे। दोनों पक्षों ने इस विचार को पूर्ण पैमाने पर और ईमानदारी से लागू करने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया है। यह समझौता ज्ञापन न केवल युवाओं के कौशल में सुधार करने में मदद करेगा बल्कि उनकी शिक्षा और रोजगार में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
अंत में डॉक्टर सुदेश वरिष्ठ वैज्ञानिक, इसरो एवं निदेशक, डिपार्टमेंट ओफ़ होलिस्टिक एजुकेशन, विद्या भारती पंजाब ने कहा कि पिछले दिनों में स्कूल शिक्षा में बहुत बदलाव आए हैं जैसे कि ऑनलाइन कक्षाएँ, आदि। इन बदलावों का बच्चों के ऊपर क्या प्रभाव है इस तरह के विषयों पर विद्या भारती पंजाब इन MoUs के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों के सहयोग से शोध करेगी एवं उनके आउट्पुट को इम्प्लमेंट करेगी। इसके साथ ही एनआईटी जालंधर में सेंटर फ़ॉर स्कूल एजुकेशन की शुरुआत की जाएगी जो स्कूल शिक्षा के अनुरूप मास्टर्ज़ एवं डाक्टरल प्रोग्राम शुरू करेगा।
इस मौक़े पर श्री विजय ठाकुर, डॉक्टर रेखा भारद्वाज, श्री राजेंद्र जी, आदि उपस्थित रहे।
प्रो. नवदीप शेखर, महामंत्री विद्या भारती पंजाब ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से सभी क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने और कौशल की मांग व आपूर्ति के बीच मौजूदा अंतर को कम करने पर जोर दिया जाएगा। श्रीमान सुभाष महाजन, उपाध्यक्ष, विद्या भारती पंजाब ने इस मौक़े पर कहा कि कुशल कर्मियों के निरंतर प्रवाह एवं शिक्षित युवाओं के बीच उपयुक्त औद्योगिक रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए आवश्यक कौशल, शिक्षा और अनुशासन के माध्यम से बेरोजगारी को कम किया जा सकता है।
श्रीमान विजय नड्डा, संगठन मंत्री, विद्या भारती (उत्तर क्षेत्र) ने कहा कि विद्या भारती का लक्ष्य संस्कार युक्त शिक्षा के साथ साथ नियोक्ता/उद्योग की मांग और कार्यबल उत्पादकता को स्थायी आजीविका के लिए प्रशिक्षुओं की आकांक्षाओं के साथ संरेखित करना, परिणाम केंद्रित प्रशिक्षण के लिए एक रूपरेखा तैयार करना है। उनका मानना है कि “कौशल उनके संचालन में अनुभव, बुद्धि और जुनून की एकीकृत शक्ति है।”
एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. बी. के. कनौजिया ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता ज्ञापन कौशल विकास के लिए एक अंत तक कार्यान्वयन ढांचा तैयार करेगा, जो जीवन भर सीखने के अवसर और युवाओं के बीच कौशल के आकांक्षात्मक मूल्य का प्रचार करता है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्ष मिलकर छात्रों के बीच कौशल विकास के नए आयाम खोलने का प्रयास करेंगे। दोनों पक्षों ने इस विचार को पूर्ण पैमाने पर और ईमानदारी से लागू करने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया है। यह समझौता ज्ञापन न केवल युवाओं के कौशल में सुधार करने में मदद करेगा बल्कि उनकी शिक्षा और रोजगार में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
अंत में डॉक्टर सुदेश वरिष्ठ वैज्ञानिक, इसरो एवं निदेशक, डिपार्टमेंट ओफ़ होलिस्टिक एजुकेशन, विद्या भारती पंजाब ने कहा कि पिछले दिनों में स्कूल शिक्षा में बहुत बदलाव आए हैं जैसे कि ऑनलाइन कक्षाएँ, आदि। इन बदलावों का बच्चों के ऊपर क्या प्रभाव है इस तरह के विषयों पर विद्या भारती पंजाब इन MoUs के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों के सहयोग से शोध करेगी एवं उनके आउट्पुट को इम्प्लमेंट करेगी। इसके साथ ही एनआईटी जालंधर में सेंटर फ़ॉर स्कूल एजुकेशन की शुरुआत की जाएगी जो स्कूल शिक्षा के अनुरूप मास्टर्ज़ एवं डाक्टरल प्रोग्राम शुरू करेगा।
इस मौक़े पर श्री विजय ठाकुर, डॉक्टर रेखा भारद्वाज, श्री राजेंद्र जी, आदि उपस्थित रहे।