कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है।
हम लहराएंगे हर जगह यह तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का है।
आज दिनांक 16 दिसंबर 2022 को प्रकाशवती सर्वहितकारी विद्या मंदिर में विजय दिवस मनाया गया।
16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी के कुल 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण भी था। आज के दिन को ‘बांग्लादेश मुक्ति दिवस’ भी कहा जाता है और यह पाकिस्तान से बांग्लादेश की आधिकारिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।
इस उपलक्ष्य पर विद्यार्थियों ने स्लोगन राइटिंग, पोस्टर मेकिंग आदि गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आचार्य दीदी रोज़ी ने विद्यार्थियों को विजय दिवस के उपलक्ष्य में स्पीच दी तथा उन्होंने इस दिन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को तिरंगे का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी।

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